भारत में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नियमों में साल 2025 में बड़ा बदलाव किया गया है। अब प्रॉपर्टी खरीदना, बेचना या ट्रांसफर करना पहले से कहीं ज्यादा आसान, तेज़ और सुरक्षित हो गया है। सरकार ने पुराने 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 को बदलने के लिए नया Registration Bill, 2025 पेश किया है। इसका मकसद है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाना, जिससे न केवल समय और पैसा बचेगा, बल्कि धोखाधड़ी और विवादों पर भी रोक लगेगी।
अब रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं है। ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए घर बैठे ही प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, दस्तावेज़ अपलोडिंग, फीस भुगतान और रजिस्ट्री सर्टिफिकेट मिल जाएगा। आधार कार्ड से वेरिफिकेशन, ई-स्टैम्पिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी सुविधाओं ने प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बना दिया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि नए नियम क्या हैं, प्रक्रिया कैसे बदली है और आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Property Registration Rules 2025
योजना का नाम | प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन न्यू रूल्स 2025 |
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लागू करने की तिथि | 1 जनवरी 2025 |
मुख्य उद्देश्य | रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का डिजिटलीकरण |
प्रमुख बदलाव | ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, आधार लिंकिंग, ई-स्टैम्पिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग |
दस्तावेज़ | सेल एग्रीमेंट, पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल सर्टिफिकेट, मॉर्गेज आदि |
पहचान सत्यापन | आधार कार्ड/ वैकल्पिक आईडी |
फीस भुगतान | ऑनलाइन (UPI, नेट बैंकिंग, कार्ड) |
एनआरआई के लिए सुविधा | कहीं से भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा |
विवाद समाधान | वीडियो रिकॉर्डिंग, डिजिटल दस्तावेज़ |
मुख्य बदलाव: डिजिटल प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन
- पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन: अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए सरकारी दफ्तर जाने की ज़रूरत नहीं। सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड होंगे और रजिस्ट्री भी ऑनलाइन ही होगी।
- डिजिटल सर्टिफिकेट: रजिस्ट्री पूरी होते ही आपको डिजिटल सर्टिफिकेट मिल जाएगा, जिसे कभी भी डाउनलोड किया जा सकता है।
- रियल टाइम स्टेटस: आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
- दस्तावेज़ों की सुरक्षा: डिजिटल एनक्रिप्शन की वजह से दस्तावेज़ सुरक्षित रहेंगे और खोने का डर नहीं रहेगा।
आधार कार्ड से वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक सुरक्षा
- आधार लिंकिंग जरूरी: अब हर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य है।
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: खरीदार और विक्रेता दोनों की पहचान की पुष्टि बायोमेट्रिक तरीके से होगी, जिससे फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।
- वैकल्पिक आईडी: जिनके पास आधार नहीं है, वे अन्य सरकारी पहचान पत्र का उपयोग कर सकते हैं।
ई-स्टैम्पिंग और ऑनलाइन फीस भुगतान
- ई-स्टैम्पिंग: स्टैम्प ड्यूटी अब ऑनलाइन ही जमा होगी और ई-स्टैम्प जेनरेट होगा।
- ऑनलाइन पेमेंट: फीस का भुगतान UPI, नेट बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड से किया जा सकता है। नकद भुगतान की अनुमति नहीं है।
- कम ट्रांजैक्शन लागत: नई फीस स्ट्रक्चर और स्टैम्प ड्यूटी रेट्स से ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम हो गई है।
वीडियो रिकॉर्डिंग और पारदर्शिता
- वीडियो रिकॉर्डिंग: रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान खरीदार और विक्रेता की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी, जिससे भविष्य में विवाद होने पर यह प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल की जा सकेगी।
- डिजिटल दस्तावेज़: सभी दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रहेंगे, जिससे फर्जी दस्तावेज़ बनाना लगभग असंभव हो जाएगा।
जरूरी दस्तावेज़ और प्रक्रिया
- जरूरी दस्तावेज़: सेल डीड, पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल सर्टिफिकेट, मॉर्गेज डीड, पहचान पत्र (आधार/अन्य), फोटो, पते का प्रमाण।
- प्रक्रिया:
- ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आधार/बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराएं।
- फीस/स्टैम्प ड्यूटी ऑनलाइन जमा करें।
- वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ प्रक्रिया पूरी करें।
- डिजिटल सर्टिफिकेट डाउनलोड करें।
एनआरआई और कहीं से भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा
- एनआरआई के लिए: अब एनआरआई लोग भी भारत में कहीं से भी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उन्हें भारत आने की ज़रूरत नहीं।
- कहीं से भी रजिस्ट्रेशन: देश के किसी भी हिस्से से प्रॉपर्टी रजिस्टर कर सकते हैं, जिससे समय और यात्रा खर्च बचेगा।
विवाद समाधान और ट्रांसपेरेंसी
- वीडियो रिकॉर्डिंग: विवाद की स्थिति में वीडियो रिकॉर्डिंग साक्ष्य के तौर पर मान्य होगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड: सभी रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे, जिससे फर्जीवाड़ा और बेनामी संपत्ति पर लगाम लगेगी।
- एनओसी और लीगल हीर सर्टिफिकेट: ट्रांसफर या विरासत के मामलों में एनओसी और लीगल हीर सर्टिफिकेट जरूरी होंगे।
नए नियमों के फायदे
- प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी और सुरक्षित
- धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर रोक
- दस्तावेज़ों की सुरक्षा और आसान उपलब्धता
- ट्रांजैक्शन लागत में कमी
- एनआरआई और दूर-दराज के लोगों के लिए सुविधा
- विवाद की स्थिति में डिजिटल प्रमाण
ध्यान देने योग्य बातें
- सभी दस्तावेज़ सही और अपडेटेड रखें।
- ऑनलाइन पोर्टल पर सही जानकारी भरें।
- आधार या वैकल्पिक आईडी अनिवार्य है।
- फीस और स्टैम्प ड्यूटी समय पर ऑनलाइन जमा करें।
- वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान सभी पक्ष उपस्थित रहें।
- डिजिटल सर्टिफिकेट को सुरक्षित रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या अब रजिस्ट्रेशन के लिए सरकारी दफ्तर जाना जरूरी है?
नहीं, अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए होगी।
Q2: क्या आधार कार्ड जरूरी है?
हां, आधार कार्ड या वैकल्पिक सरकारी आईडी जरूरी है।
Q3: फीस कैसे जमा होगी?
फीस और स्टैम्प ड्यूटी ऑनलाइन (UPI, नेट बैंकिंग, कार्ड) से जमा होगी।
Q4: एनआरआई कैसे रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं?
एनआरआई कहीं से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
Q5: विवाद की स्थिति में क्या होगा?
वीडियो रिकॉर्डिंग और डिजिटल दस्तावेज़ साक्ष्य के तौर पर मान्य होंगे।
Q6: क्या सभी दस्तावेज़ डिजिटल होंगे?
हां, सभी दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रहेंगे।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा लागू किए गए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नए नियम 2025 ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह बदल दिया है। अब यह प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी, सुरक्षित और नागरिकों के लिए सुविधाजनक बन गई है। डिजिटल पोर्टल, आधार वेरिफिकेशन, ई-स्टैम्पिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग और ऑनलाइन फीस भुगतान जैसे बदलावों ने रियल एस्टेट सेक्टर को और अधिक भरोसेमंद बना दिया है। इससे न केवल समय और पैसा बचेगा, बल्कि फर्जीवाड़े और विवादों पर भी रोक लगेगी।
Disclaimer: यह लेख भारत सरकार द्वारा 2025 में प्रस्तावित और लागू किए गए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के नए नियमों पर आधारित है। ये बदलाव असली हैं और सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से लागू किए गए हैं। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे रजिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी जानकारी सरकारी पोर्टल या अधिकृत एजेंट से ही प्राप्त करें। किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट या पोर्टल का ही उपयोग करें।